खंडेराव होलकर का इतिहास सूरजमल को युद्ध में हरा दिया था ।

इतिहास का एक सच्च मराठा कभी युद्ध नहीं हारे और मराठों से कोई कभी युद्ध नहीं जीता । अगर सूरजमल इतना महान था तो वो मराठों से युद्ध लड़नें के लिए किले से बाहर क्यों नहीं निकला था। जनवरी 1754 ई. के शुरूआत में खण्डेराव ने चार हजार मराठा सेना के साथ मिलकर अपना डेरा लगाया। जिसके बाद उन्होंने जाट प्रान्त के मेवाती जिलों में अधिकार जमाने के लिए मराठा टुकड़ियों को रवाना कर दिया। मराठा सैनिकों ने जाटों पर आक्रमण किया और अपना अधिकार हासिल किया। जिस समय मराठा सैनिकों ने हमला किया उस समय सूरजमल जाट का पुत्र जवाहर सिंह बरसाना में मौजूद थे। डर इतना ज्यादा बढ़ गया कि उसने बरसाना छोड़ने का फैसला लिया और डींग पहुंच गए। वहीं उन्होंने पनह ली। जिसके बाद खंडेराव ने जाटों के शहरों पर अपना हक जमाना शुरू कर दिया। साथ ही अपने राज्य को वहां स्थापित भी किया। 17 मार्च, 1754 ई० को खण्डेराव होलकर युद्ध का संचालन कर रहे थे उसी समय घात लगाये बैठे जाट सैनिकों ने खण्डेराव पर हमला कर दिया । जिसे उनकी मृत्यृ हो गई। उस समय खंडेराव होलकर की उम्र 31 साल थी । #maratha #holkar #मराठा #gadariya #PalSahab #Dhangar

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